लखनऊ। प्रदेश मीडिया प्रभारी मयंक त्रिवेदी ने इस अवसर पर अपने संदेश में कहा कि शिक्षक समाज का दर्पण होते हैं। शिक्षक ही वह शक्ति हैं, जो एक साधारण बालक को जिम्मेदार नागरिक बनाने का सामर्थ्य रखते हैं। आज का दिन हमें भारत के पूर्व राष्ट्रपति एवं महान दार्शनिक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी की शिक्षाओं और उनके आदर्शों की याद दिलाता है। उन्होंने शिक्षा को राष्ट्र निर्माण का सबसे बड़ा साधन माना और सदैव ज्ञान, विवेक एवं नैतिकता को प्राथमिकता दी।राष्ट्रीय लोकदल मानता है कि शिक्षा केवल रोजगार का साधन नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला और समाज को सही दिशा देने का सबसे सशक्त माध्यम है। डॉ. राधाकृष्णन जी ने अपने जीवन से यह सिद्ध किया कि शिक्षक केवल पाठ्यपुस्तक नहीं पढ़ाता, बल्कि समाज की आत्मा का निर्माण करता है।प्रदेश मीडिया प्रभारी मयंक त्रिवेदी ने कहा कि वर्तमान समय में जब समाज अनेक चुनौतियों से गुजर रहा है, तब शिक्षक ही विद्यार्थियों में संस्कार, अनुशासन और राष्ट्रप्रेम की भावना भर सकते हैं। शिक्षक दीपक की भांति स्वयं जलकर दूसरों के जीवन को आलोकित करते हैं। ऐसे में समाज और सरकार की यह सामूहिक जिम्मेदारी बनती है कि शिक्षकों को उचित सम्मान और सुविधाएं मिलें।राष्ट्रीय लोकदल शिक्षकों के योगदान को नमन करता है और यह संकल्प दोहराता है कि पार्टी हर स्तर पर शिक्षा और शिक्षकों की गरिमा की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।