लंदन/नई दिल्ली। लंदन में ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीअर स्टॉर्मर के आवास चेकर्स पर हुई जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान भारत में सुर्खियों में रहे। ट्रंप ने कहा— “मैं भारत के बहुत करीब हूं, मैं भारत के प्रधानमंत्री के बहुत करीब हूं। मैंने कल (17 सितंबर) उनसे बात करके जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं।” इस बयान के तुरंत बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को “महान नेता” बताया और दोस्ती का जिक्र भी किया। पीएम मोदी भी हर बार ट्रंप के ऐसे बयानों पर गर्मजोशी से प्रतिक्रिया देते रहे हैं। इससे यह संदेश गया कि भारत-अमेरिका संबंध फिर पटरी पर लौटने लगे हैं। लेकिन तस्वीर का दूसरा पहलू अलग है। ट्रंप ने जहां शब्दों में दोस्ती का हाथ बढ़ाया, वहीं फैसलों में भारत को झटका पर झटका देते रहे। पहले सामान्य टैरिफ व्यवस्था में बदलाव कर भारतीय निर्यात पर असर डाला,फिर रूस से कच्चा तेल खरीदने पर पेनाल्टी टैरिफ लगाया, चाबहार पोर्ट को लेकर भी पाबंदियों के संकेत दिए। अब H1-B वीजा में सख्ती कर भारतीय पेशेवरों की मुश्किलें बढ़ा दीं। विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप की बयानबाजी और नीतियों में विरोधाभास साफ झलकता है। एक तरफ वे भारत और पीएम मोदी की तारीफ करते हैं, दूसरी ओर नीतिगत फैसलों से भारतीय हितों पर चोट करते हैं। कुल मिलाकर, भारत-अमेरिका रिश्तों में इस समय “गर्मजोशी और झटकों का दौर” साथ-साथ चल रहा है।