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विश्व हिंदू महासंघ द्वारा आयोजित संगोष्ठी और सहभोज बना सामाजिक समरसता का संगम

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चंदौली। राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ जी महाराज की 11वीं पुण्यतिथि के अवसर पर विश्व हिंदू महासंघ, चंदौली इकाई द्वारा सामाजिक समरसता संगोष्ठी एवं सहभोज का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम चंदौली के उत्तर बाजार कांटा क्षेत्र में संपन्न हुआ, जिसमें समाज के सभी वर्गों के लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस अवसर पर उपस्थित लोगों ने महंत अवैद्यनाथ जी के आदर्शों को स्मरण करते हुए सामाजिक एकता और समरसता का संदेश दिया। कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि दिनेश चंद्र पांडे (क्षेत्रीय महामंत्री, हस्तिनापुर एवं ब्रज संभाग) ने महंत अवैद्यनाथ जी के तैलचित्र पर पुष्पांजलि और दीप प्रज्वलन के साथ किया।संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता प्रदेश उपाध्यक्ष ओमप्रकाश सिंह ने कहा कि, “यह कार्यक्रम केवल एक पुण्यतिथि का स्मरण नहीं, बल्कि महंत अवैद्यनाथ जी के विचारों को जन-जन तक पहुँचाने का माध्यम है। उन्होंने सदैव हिंदू समाज की एकता, समानता और समरसता के लिए कार्य किया, और हम सभी को उनके पदचिह्नों पर चलना चाहिए।” मुख्य वक्ताओं में जयशंकर केसरी (प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष), तपेश्वर चौधरी (प्रदेश मंत्री), सिद्धार्थ कुमार सिंह (काशी संभाग प्रभारी), संतोष तिवारी (वाराणसी मंडल प्रभारी), और अजय कुमार श्रीवास्तव (जिला अध्यक्ष, वाराणसी) ने भी अपने विचार साझा किए। सभी वक्ताओं ने महंत जी के राष्ट्रनिष्ठ और धर्मनिष्ठ जीवन पर प्रकाश डाला और कहा कि उनका जीवन आज भी प्रेरणा का स्रोत है।जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर मौर्य उर्फ पिंटू प्रधान ने बताया कि सहभोज में मलिन बस्तियों से आए लोगों सहित सभी वर्गों के साथियों ने एक साथ भोजन कर सामाजिक समरसता की मिसाल पेश की।  जिला प्रभारी वीर बहादुर मौर्य ने कहा कि “हमारा उद्देश्य सिर्फ कार्यक्रम करना नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग से संवाद स्थापित करना है, कहा कि यह आयोजन महंत जी की उस कल्पना को साकार कर रहा है जिसमें सामाजिक भेदभाव की दीवारें टूटें और सबको समान दृष्टि से देखा जाए। कार्यक्रम में मातृशक्ति पदाधिकारियों की सक्रिय भागीदारी उल्लेखनीय रही।संगीता मिश्रा, नंदिता चटर्जी, शारदा त्रिवेदी, सुषमा श्रीवास्तव और प्रतिमा त्रिवेदी ने महिला सशक्तिकरण, सामाजिक जागरूकता और संगठित समाज के महत्व पर विचार रखे। वक्ताओं ने यह संदेश दिया कि एक सशक्त राष्ट्र की नींव महिलाओं की भागीदारी के बिना अधूरी है, इस आयोजन में संतोष मौर्य, विनोद गुप्ता, शंकर प्रसाद जायसवाल, रामनगीना गुप्ता, कृष्ण मोहन गुप्ता, पवन कुमार सराफ, सुमित सहित अनेक गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही।कार्यक्रम का संचालन राम मनोहर तिवारी ने कुशलता से किया।यह आयोजन न केवल महंत अवैद्यनाथ जी को श्रद्धांजलि अर्पित करने का अवसर था, बल्कि समाज में फैले वर्ग-भेद को मिटाकर सभी को एक सूत्र में पिरोने की दिशा में एक प्रेरणादायक पहल भी साबित हुआ।कार्यक्रम की सफलता ने यह सिद्ध किया कि समरसता, सेवा और सद्भावना के मूल्यों पर चलकर ही एक समृद्ध और संगठित भारत का निर्माण संभव है।

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