वाराणसी। वाराणसी प्रधानमंत्री जी के संसदीय क्षेत्र भेलूपुर थाना अंतर्गत जनता की भारी संख्या वाले इलाके में एक बार फिर अवैध निर्माण की खबर सुर्खियों में है। स्थानीय बाजार के केंद्र बिंदु मात्र 100 मीटर की दूरी पर स्थित लव कुश होटल वी रेस्टोरेंट के पास हरे रंग के पर्दे के पीछे छुपाकर निर्माण कार्य बड़े पैमाने पर चल रहा है। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान नगर निगम और वाराणसी विकास प्राधिकरण के कान खींचने वाली इस चुप्पी से स्थानीय नागरिकों में सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता व्याप्त है।हाल ही में एलआईसी भेलूपुर गेट के ठीक समीप भी इसी प्रकार के ग्रीन पर्दों के पीछे बड़ी इमारत का निर्माण कार्य संपन्न हुआ, जहां नियमों और शासकीय अनुमति की अनदेखी की गई, जिसके पीछे संभावित रूप से अधिकारियों को व्यावसायिक लाभ दिलाने की आशंका जताई जा रही है। इस तरह के निर्माण कार्यों के लिए संबंधित विभागों का करिश्माई संरक्षण अत्यंत चिंताजनक है तथा सवाल खड़े करता है कि प्रशासन के जिम्मेदार किस हद तक पक्षपाती हो सकते हैं।स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि इस प्रकार की अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण न पाया गया तो किसी बड़े हादसे को रोक पाना मुश्किल हो जाएगा। विशेषकर सुरक्षा मानकों की जमकर उपेक्षा की जा रही है, जिससे न केवल जनता की जान को खतरा है बल्कि क्षेत्र के सौंदर्य एवं कानून व्यवस्था पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।सूत्रों के अनुसार, यदि किसी भी अप्रिय घटना का उजागर होना तय होता है तो इसमें मुख्य रूप से जिम्मेदार ठोस रूप से नगर निगम, विकास प्राधिकरण और संबंधित अधिकारियों को माना जाएगा, जिन्होंने समय रहते अपनी भूमिका निभाने में लापरवाही बरती। जिलाधिकारी और पुलिस प्रशासन से लेकर नगरीय निकाय तक को इस गंभीर मामले को संज्ञान में लेकर उचित कार्रवाई करने की जगह चुप्पी साधे रहना एक बड़ा सवालिया निशान बना हुआ है। भेलूपुर क्षेत्र के नागरिकों एवं सामाजिक संगठनों ने उच्चाधिकारियों से मांग की है कि वे इस अवैध निर्माण कार्य की तत्काल स्वतंत्र जांच कराएं और दोषी अधिकारियों तथा अन्य जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। साथ ही ऐसी ग्रीन पर्दों के पीछे हो रहे निर्माण कार्यों की कार्रवाई को पारदर्शी बनाने पर भी विशेष ध्यान दिया जाना आवश्यक है ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की अनियमितता को जड़ से खत्म किया जा सके।इस पूरे मामले में प्रशासन की सक्रियता एवं जवाबदेही पर स्थानीय जनमानस की निगाहें टिकी हुई हैं।