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सीता हरण की लीला से भावुक हुए रामभक्त

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औराई। नवरात्रि के समापन की ओर बढ़ते ही औराई क्षेत्र भक्ति और आस्था के रंग में सराबोर हो गया है। देर रात तक देवी भजनों की मधुर ध्वनि और प्रभु श्रीराम के जयकारों से पूरा इलाका गुंजायमान है।अमीर पट्टी स्थित मारुति धाम हनुमान मंदिर परिसर में श्री स्वामी रामानंद मारुति नंदन रामलीला कमेटी द्वारा मंचित रामलीला के सातवें दिन सुर्पणखा नककटैया और सीता हरण प्रसंग ने श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। रामलीला के मंचन में दिखाया गया कि जब प्रभु श्रीराम, लक्ष्मण और सीता दंडकारण्य में निवास कर रहे थे, तभी रावण की बहन सुर्पणखा सुंदर रूप धारण कर विवाह प्रस्ताव लेकर पहुंची। उसके प्रस्ताव को ठुकराने और उद्दंडता से क्रोधित होकर लक्ष्मण ने उसके नाक-कान काट दिए। इसके बाद सुर्पणखा के भतीजे खर-दूषण और तीसरा चौदह हजार सेना के साथ युद्ध करने पहुंचे, लेकिन प्रभु श्रीराम के धनुष से सभी पल भर में ही वीरगति को प्राप्त हो गए। यह समाचार सुनकर रावण ने छलपूर्वक मामा मारीच की सहायता से माता सीता का हरण कर लिया। सीता हरण के दृश्य के मंचन ने समूचे वातावरण को गमगीन कर दिया। जब मंच पर राम और लक्ष्मण व्याकुल होकर सीता की खोज में इधर-उधर भटकते और राम के नेत्रों से आंसू बहते दिखे तो दर्शक दीर्घा में बैठे श्रद्धालुओं की आंखें भी नम हो उठीं। लीला समाप्ति के बाद भक्तों ने जोरदार “जय श्रीराम” के उद्घोष के साथ वातावरण को गुंजायमान कर दिया और भाव-विभोर होकर अपने-अपने घर लौटे।

 

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