लखनऊ स्थित राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं चिकित्सालय में 10वें राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के अवसर पर भव्य कार्यक्रम आयोजित हुआ, जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार के माननीय आयुष राज्य मंत्री डॉ. दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ सहित समस्त वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहे। इस अवसर पर उन्होंने आयुर्वेद की प्राचीन चिकित्सा पद्धति मात्र नहीं बल्कि एक संपूर्ण जीवन दर्शन तथा भारतीय संस्कृति की अमूल्य विरासत के रूप में महत्ता को रेखांकित किया।कार्यक्रम में पंचकर्म व आयुर्वेदिक चिकित्सा की उपयोगिता के साथ ही मोटे अनाज के सेवन पर भी जोर दिया गया। साथ ही आयुर्वेद को जन-जन तक पहुंचाने हेतु 1090 चौराहों से बाइक रैली का शुभारंभ राज्य मंत्री द्वारा हरी झंडी दिखाकर किया गया, जो स्वास्थ्य और प्रकृति के प्रति जागरूकता का संदेश लेकर दौड़ी। यहाँ छात्रों ने पोस्टर प्रतियोगिताएं, वाद-विवाद और आयुर्वेद आहार प्रतियोगिताओं के माध्यम से युवा पीढ़ी को इस ज्ञान से जोड़ा।इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य आयुर्वेद को एक व्यापक और व्यवहार्य समाधान के रूप में स्थापित करना था, जो न केवल मानव स्वास्थ्य बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी
सहायक सिद्ध हो। प्रधानमंत्री के संदेश का पाठ और ‘आयुष देवशा’ पत्रिका का विमोचन भी इस अवसर की खासियत रही। अधिकारीयों ने इस मौके पर चिकित्सकों एवं पूर्वआचार्यों का सम्मान भी किया।यह कार्यक्रम पूरे देश में 23 सितंबर को निश्चित तिथि पर मनाए जाने वाले आयुर्वेद दिवस के राष्ट्रीय स्तर पर जागरूकता अभियान का हिस्सा था, जिसका इस वर्ष विषय था — “जन-जन के लिए आयुर्वेद, धरती के लिए आयुर्वेद”। यह थीम यह संदेश देती है कि आयुर्वेद केवल स्वास्थ्य सेवा की प्रणाली नहीं, बल्कि मानव
और प्रकृति के बीच संतुलन स्थापित करने वाला एक समग्र विज्ञान है, जो जीवनशैली संबंधी विकार, पर्यावरणीय रोग और तनाव जैसी आधुनिक समस्याओं का प्रभावी समाधान प्रस्तुत करता है।इस प्रकार लखनऊ में आयोजित इस महोत्सव ने आयुर्वेद की प्राचीन परंपराओं को पुनर्जीवित करते हुए, युवाओं और समाज के समक्ष इसे एक वैज्ञानिक एवं जागरूकता से भरपूर स्वरूप में प्रस्तुत किया, जो निवारक स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। पूरे उत्तर प्रदेश में इस प्रकार के आयोजन स्वास्थ्य एवं जीवनशैली के प्रति जागरूकता के जन-आंदोलन का स्वरूप ले रहे हैं, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए सकारात्मक संदेश लेकर आगे बढ़ रहे हैं।